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दिल के चंद एहसास


यूँ आशिकी में छुप कर, 
मिसकाल न किया तो क्या किया।।
चादर के नीचे छुप कर,
बात न किया तो क्या किया।।
खुल्लमखुल्ला तो मोहब्बत, 
यारों सभी किया करते हैं।।
चोरी-चोरी मिलकर,
जो प्यार न किया तो क्या किया।।



----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---

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2 Comments

Sachin dev

17-Dec-2022 04:10 PM

Very nice 👍

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Gunjan Kamal

17-Dec-2022 02:38 PM

बहुत खूब

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